कर्नाटक ने केंद्र से मांगी तेज़ मंजूरी – बेंगलुरु के दूसरे एयरपोर्ट के लिए ज़बरदस्त पॉलिसी पुश
हाल ही में कर्नाटक के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट मंत्री एम.बी. पाटिल ने नई दिल्ली में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नैडू से मुलाकात की। उन्होंने अनुरोध किया कि बेंगलुरु के दूसरे अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से जुड़ी मंजूरी प्रक्रियाओं में तेजी लायी जाए। राज्य सरकार ने Airports Authority of India (AAI) द्वारा तीन संभावित साइटों (कनकपुरा रोड के पास दो प्लॉट और एक नेलनगला‑कुणिगल रोड पर) का निरीक्षण पूरा कर लिया है और अब इसकी रिपोर्ट का इंतज़ार है। जब स्थान चुना जाएगा, तो तुरंत अगली प्रक्रिया शुरू की जाएगी
कौन‑सी साइटें हो चुकी हैं शॉर्टलिस्ट?
राज्य सरकार ने लगभग 4,500 एकड़ भूमि की पेशकश करते हुए तीन साइटों को शॉर्टलिस्ट किया है:
Harohalli(कनकपुरा रोड के पास): दो जुड़ी जमीन, लगभग 4,800 और 5,000 एकड़
Kunigal Road, Nelamangala: लगभग 5,200 एकड़ भूमि
ये स्थल बेंगलुरु शहर से 25–45 किलोमीटर की दूरी पर हैं, जो जटिलता से बचते हुए उपयुक्त माने जा रहे हैं
क्यों ज़रूरी है दूसरा एयरपोर्ट?
वर्तमान में Kempegowda International Airport (KIA) में यात्री और कार्गो ट्रैफिक लगातार बढ़ रहा है। वर्तमान क्षमता से आगे निकलते जाने पर आने वाले वर्षों में विमान सेवाएँ प्रभावित हो सकती हैं। कर्नाटक सरकार का मानना है कि एक नया एयरपोर्ट 2033 के आसपास क्षमता पर पहुंचने वाले KIA के मुकाबले ज़रूरी कदम है ताकि देश-विदेश दोनों के ट्रैवल जरूरतें पूरी हों
चुनौतियाँ और विवाद
इस परियोजना को सबसे बड़ी चुनौती बन रही है:
बेंगलुरु अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट लिमिटेड (BIAL) के साथ 2033 तक की 150 किमी नॉन‑कम्पीट क्लॉज़ की शर्त, जो नए एयरपोर्ट निर्माण को सीमित करती है
भूमि अधिग्रहण विवाद: ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों और स्थानीय नेताओं की आपत्तियाँ सामने आई हैं, जिससे भू‑उपयोग और सामाजिक संरचना पर संकट उत्पन्न हो सकता है
राज्य सरकार किसानों की चिंताओं को संतुलन की दृष्टि से सुलझाने की कोशिश में है।
अतिरिक्त अपग्रेड: राज्य की एयरपोर्ट नीति
एम.बी. पाटिल ने बैठक में Hubballi और Belagavi एयरपोर्ट को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपग्रेड करने की मांग की। ये एयरपोर्ट प्रति घंटा 2,400 यात्रियों की क्षमता रखते हैं और Airbus A320/A321 जैसे विमान उड़ान भर सकते हैं। इसके अलावा राज्य में Mysuru, Shivamogga, Hassan, Karwar और Raichur एयरपोर्ट सहित कई परियोजनाएँ अधर में लटकी हैं, जिन्हें पर्यावरण स्वीकृति मिलने के बाद शुरूआत की जा सकती है
आगे का रोडमैप
AAI की फाइनल रिपोर्ट आने के बाद केंद्र से तकनीकी मंजूरी (site clearance) की मांग की जाएगी
भूमि अधिग्रहण, नियम-पालन, पर्यावरण असर समीक्षा सहित अन्य कानूनी प्रक्रियाएँ पूरी की जाएंगी
केंद्र की मंजूरी मिलने पर भूमि तैयार, ज़मीनी सर्वे, इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण और पर्यावरण व्यवस्थाओं पर काम शुरू हो जाएगा
कर्नाटक सरकार ने अपने आर्थिक महत्व और हवा यातायात मांग के मद्देनज़र दूसरे अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की योजना को केंद्र से प्राथमिकता दी है। एक बार प्रस्तावित स्थल चुन लिए जाने पर, राज्य तुरंत आगे बढ़ने को तैयार है।
यदि यह प्रोजेक्ट सफल होता है, तो यह बेंगलुरु को स्थायी रूप से विकसित अंतरराष्ट्रीय शहरों की सूची में स्थापित करेंगे। साथ ही राज्य की आर्थिक, लॉजिस्टिक और पर्यटन नीति को गति मिलेगी।