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Boishakh 2025 Feast के लिए 6 Must-Have Dishes – ये नहीं खाया तो क्या New Year मनाया!”

भारत विविध संस्कृति और परंपराओं से भरा देश है, जहां हर राज्य का नया साल अलग अंदाज़ में मनाया जाता है। बंगालियों के लिए नये साल की शुरुआत होती है *Poila Boishakh* से, जिसे पारंपरिक भोजन, संगीत और उत्सवों के साथ मनाया जाता है। Boishakh का पर्व सिर्फ एक नया कैलेंडर शुरू होने का संकेत नहीं है, बल्कि यह अपने परिवार और परंपरा के करीब जाने का एक मौका भी होता है।

Boishakh 2025 का यह खास दिन और भी यादगार बन जाता है जब परिवार और दोस्तों के साथ बैठकर स्वादिष्ट पारंपरिक भोजन का आनंद लिया जाए। बंगाली संस्कृति में खाने का एक विशेष स्थान है और हर उत्सव का असली मज़ा स्वादिष्ट व्यंजनों के बिना अधूरा लगता है। इस लेख में हम बात करेंगे Boishakh 2025 के 6 ऐसे पारंपरिक व्यंजनों की जो आपके नए साल के जश्न को खास बना देंगे।

1. शुक्तो (Shukto)

Boishakh के दिन की शुरुआत अक्सर हल्के और पाचन-सहायक भोजन से होती है। शुक्तो एक पारंपरिक बंगाली व्यंजन है जिसमें विभिन्न प्रकार की सब्ज़ियाँ जैसे करेला, आलू, लौकी, बैंगन और मोचा (कच्चा केला फूल) को खास मसालों और दूध के साथ पकाया जाता है। इसका स्वाद हल्का कड़वा और क्रीमी होता है, जिसे खाने से पहले पेट साफ और पाचन सही बना रहता है। यह व्यंजन न सिर्फ स्वास्थ्यवर्धक होता है, बल्कि इसकी सुगंध और स्वाद भी दिन की शानदार शुरुआत करता है।

2. भात और इलिश माछ (Rice with Hilsa Fish Curry)

अगर बंगाली भोजन की बात हो और मछली का ज़िक्र न हो, तो वो भोजन अधूरा रहता है। Boishakh के मौके पर खासतौर पर *इलिश माछेर झोल* यानी हिलसा मछली की करी को चावल के साथ परोसा जाता है। हिलसा मछली का स्वाद बेहद रसीला होता है और जब इसे सरसों की ग्रेवी में पकाया जाता है, तो इसका स्वाद दोगुना हो जाता है। यह व्यंजन बंगाली खानपान का प्रतीक है और हर खास मौके पर इसे बनाना परंपरा मानी जाती है।

 

3. छोलेर दाल और लुच्ची (Cholar Dal with Luchi)

त्योहारों में हल्का-फुल्का लेकिन स्वादिष्ट नाश्ता ज़रूरी होता है। Boishakh के दिन सुबह या दोपहर के खाने में *छोलेर दाल* और *लुच्ची* परोसा जाता है। छोलेर दाल यानी चने की दाल को नारियल, किशमिश, और हल्के मसालों के साथ बनाया जाता है, जिससे इसका स्वाद मीठा और मसालेदार दोनों बनता है। इसके साथ लुच्ची यानी तलकर फुलाए गए मैदे की पूड़ियाँ परोसी जाती हैं। यह कॉम्बिनेशन हर उम्र के लोगों को बहुत पसंद आता है और उत्सव का स्वाद बढ़ा देता है।

4. मटन कोसा (Kosha Mangsho)

अगर आप नॉनवेज के शौकीन हैं तो Boishakh के खाने में *मटन कोसा* ज़रूर होना चाहिए। यह एक पारंपरिक बंगाली मटन करी होती है जिसमें मटन को प्याज, टमाटर, दही और ढेर सारे मसालों के साथ धीमी आंच पर पकाया जाता है। इसका स्वाद तीखा और गाढ़ा होता है जो कि लुच्ची, पराठा या सादा चावल के साथ खाया जा सकता है। त्योहार के दिन यह व्यंजन आपके मेहमानों को ज़रूर प्रभावित करेगा।

5. आलू-पोस्तो (Aloo Posto)

Boishakh के मौके पर बनने वाली खास शाकाहारी डिश में से एक है *आलू-पोस्तो*। यह व्यंजन आलू और खसखस (पोस्त) से बनता है और इसकी ग्रेवी हल्की लेकिन बहुत ही स्वादिष्ट होती है। इसे भात के साथ परोसा जाता है और यह खासकर उन लोगों के लिए बेहतरीन है जो साधारण लेकिन स्वादिष्ट खाने को पसंद करते हैं। आलू-पोस्तो का स्वाद बच्चों और बुज़ुर्गों दोनों को बहुत पसंद आता है।

6. मिठाई में रसगुल्ला और पायेश (Rasgulla and Payesh for Dessert)

कोई भी बंगाली उत्सव मिठाई के बिना अधूरा माना जाता है। Boishakh के दिन के भोजन के बाद मिठाई में *रसगुल्ला* और *पायेश* का विशेष स्थान होता है। रसगुल्ला छेना से बने रस में डूबे मीठे गोले होते हैं जो कि मुंह में जाते ही घुल जाते हैं। वहीं, पायेश यानी चावल की खीर दूध, चावल और गुड़ से बनाई जाती है। यह न केवल पारंपरिक मिठाई है, बल्कि इसे शुभ माना जाता है और अक्सर भगवान को भोग लगाकर परोसा जाता है।

Boishakh में पारंपरिक भोजन का महत्व

Boishakh सिर्फ एक पर्व नहीं है, यह एक भावना है जो परिवार को एक साथ लाती है। खाने की ये परंपराएं केवल स्वाद की नहीं, बल्कि सांस्कृतिक विरासत की प्रतीक हैं। जब हम पारंपरिक व्यंजनों को अपने भोजन में शामिल करते हैं, तो हम अपने पूर्वजों की जीवनशैली, स्वाद और रीति-रिवाज़ों को भी जीवित रखते हैं।

 

Boishakh 2025 के इस खास मौके पर अगर आप इन व्यंजनों को अपने खाने में शामिल करते हैं, तो न सिर्फ आपका दिन स्वादिष्ट बनेगा, बल्कि आप एक सांस्कृतिक परंपरा को भी आगे बढ़ाएंगे। चाहे आप बंगाल में हों या भारत के किसी भी कोने में, इन 6 व्यंजनों के बिना आपका नया साल अधूरा ही लगेगा।

 

Boishakh 2025 की तैयारी शुरू हो चुकी है और यह वक्त है अपने किचन में इन खास व्यंजनों की खुशबू बिखेरने का। पारंपरिक व्यंजनों की यह सूची आपके नए साल के भोज को खास बनाने के लिए पर्याप्त है। ये व्यंजन सिर्फ स्वाद नहीं, बल्कि एक भावनात्मक जुड़ाव और संस्कृति की पहचान हैं। इस नए साल पर इन्हें जरूर आज़माएं और अपने परिवार के साथ त्योहार का असली आनंद लें। आखिरकार, अगर ये डिश नहीं खाए तो क्या वाकई New Year मनाया?

 

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